Sunday 17 August 2014

राजस्थान की भाषा


राजस्थान की भाषा




Teju jani143





राजस्थान की भाषा

१.     ‘राजस्थानी भाषा’ शब्द का पहली बार आधिकारिक रूप से प्रयोग जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने किया था. उन्होंने १९१२ में अपने संग्रह- ‘भारत का भाषाई सर्वेक्षण’ में इसका जिक्र किया था. भाषाविद ग्रियर्सन ने राजस्थान की भाषा को क्षेत्रवार कितनी बोलियों में वर्गीकृत किया था ?

क.     तीन   ख.चार   ग. पांच   घ. छः

२.     पूर्वी राजस्थान में साहित्य की रचना अधिकतर राजस्थानी भाषा की पिंगल शैली में हुई है. पिंगल पर सबसे अधिक प्रभाव किस भाषा का पड़ा है ?

क.     मालवी  ख. संस्कृत  ग. ब्रज  घ. हरयाणवी

३.     खैराड़ी बोली किस क्षेत्र की पहचान है ?

क.     बाड़मेर  ख. अलवर  ग. डूंगरपुर  घ. टोंक

४.     शासकों या आम लोगों के नए क्षेत्रों में जाने पर उनकी भाषा भी साथ साथ गए बिना नहीं रहती. स्थानीय बोली को बाहर से आयी बोली थोडा सा बदल ही देती है. मालवी और मारवाड़ी भाषाओँ के मिश्रण को आप किस बोली में देखते हैं ?

क.     मेवाती  ख. रांगड़ी  ग. निमाड़ी  घ. हाड़ौती

५.     मारवाड़ी को ‘मरुभाषा’ किस ग्रन्थ में कहा गया है ?

क.     कुवलयमाला  ख. पृथ्वीराज विजय  ग.भरतेश्वर बाहुबली घोर घ. नागर समुच्चय

६.     ११ वीं सदी से वर्तमान राजस्थान प्रदेश की भाषा के दर्शन होने शुरू हो गए थे. अपभ्रंश और बाद में अन्य भाषाओँ से अलग होने में सदियाँ गुजर गयीं. राजस्थानी भाषा का स्वर्णकाल आया इस अवधि में –

क.     १२५० से १३५० ई. में  ख. १४०० से १५०० ई. में  ग. १५०० से १६५० में घ. १६५० से १८५० में

७.      जयपुर, टोंक और अजमेर के आपस में लगते भागों में ढूंढाड़ नदी की के दोनों तरफ की बोली को ढूंढाड़ी कहते हैं. लेकिन जयपुर के शाहपुरा क्षेत्र में यह बोली भी एक बदला सा रूप ले लेती है, जिसे कहते हैं-

क.     चौरासी  ख. राजावाटी  ग. नागरचोल  घ. काठेडी

८.     नागर अपभ्रंश से राजस्थानी भाषा की उत्पत्ति बताने वाले विद्वान थे-

क.     तेस्सितोरी  ख. मोतीलाल मेनारिया  ग. ग्रियर्सन  घ. के एम मुंशी

९.     ग्रियर्सन के अनुसार राजस्थान के मध्य-पूर्वी क्षेत्र की बोली है-

क.     अहीरवाटी  ख. तौरावाटी  ग. हाडौती  घ. निमाड़ी

१०. ‘एक माखिचूस के पे कुछ माल मतो हो’ वाक्य किस राजस्थानी बोली का है ?

क.     मारवाड़ी  ख. मेवाड़ी  ग. मेवाती  घ. हाड़ौती  

राजस्थान का पहनावा


राजस्थान का पहनावा




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राजस्थान का पहनावा

१.     रजवाडों के समय आतम सुख अमीरों की पोशाक में शामिल था. इसे अंगरखी और चुगे के ऊपर पहना जाता था. लेकिन आप यह बताइये कि आतम सुख किस ऋतु में पहना जाता था.

क.     ग्रीष्म  ख. शीत  ग. वर्षा  घ. बसंत

  
२.     मोठड़ा की पगड़ी पहने आपको कोई पुरूष किसी गांव में दिखाई दे जाए, तो पारंपरिक रूप से आपको यह कौनसा अवसर लगेगा ?

क.    होली   ख. बसंत   ग. दशहरा   घ. विवाह


३.     आजकल जिसे स्कर्ट कह कर स्त्रियों का आधुनिक पहनावा बताया जाता है, वही वस्त्र हमारे यहाँ के मूल निवासी पहले से पहनते आये हैं. घुटनों तक पहने जाने वाले भीलों के इस घाघरे को कहते हैं-

क.     लूँगड़ा  ख. कछाबू  ग. कटकी  घ. ठेपड़ा

४.     पटका शरीर के किस अंग पर धारण किया जाने वाला वस्त्र है ?

क.     कमर  ख. सिर  ग. पैर  घ. बाजू

५.     कान्ग्सानुमा, चोखुलिया और और दुपलिया किस वस्त्र के नाम हैं ?

क.     पगड़ी  ख. ओढनी  ग. धोती  घ. टोपी

६.     पंचरंगी लहरिये की पगड़ी विशेष अवसरों पर पहनी जाती थी. इन पांच रंगों में शामिल नहीं था-

क.     हरा  ख. काला  ग. पीला  घ. लाल

७.     अंगोछा साड़ी या लूँगडा की सफ़ेद जमीन पर लाल बूटे इसे बहुत ही आकर्षक बना देते हैं. इसे

क.     अविवाहित स्त्रियाँ ही पहनती हैं. ख. विवाहित स्त्रियां पहनती हैं. ग. दोनों ही पहनती हैं. घ. विधवाएं पहनती हैं.

८.     पगड़ियों को बांधने के तरीके से आप किसी व्यक्ति के क्षेत्र का अंदाज लगा सकते हैं. खूँटेदार पगड़ी पहना बांका जवान कहाँ का हो सकता है ?

क.     ढूंढाड़  ख. मारवाड़  ग. मेवाड़ घ. हाड़ौती

९.     पोमचा किस अवसर पर पहना जाता है-

क.     बसन्त में  ख. होली पर ग. प्रसव काल में  घ. विवाह पर


१०.बागा किस वस्त्र का उपनाम है ?

क.    लहेंगा  ख. ओढनी  ग. अंगरखी  घ. पगड़ी

राजस्थान के मेले


राजस्थान के मेले





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राजस्थान के मेले


1.    किसी जमाने में मालवा के परमारों का शासन राजस्थान के कई हिस्सों में भी था. विक्रमादित्य इन परमारों के प्रसिद्द शासक रहे हैं. उनको समर्पित एक मेला चैत्र अमावस्या को राजस्थान के इस शहर में भरता है-


क.     उदयपुर  ख. जोधपुर  ग. झालावाड  घ. प्रतापगढ़


2.    नागवंशियों के शासन को याद दिलाता मेला है- नागपंचमी. और पश्चिम राजस्थान में मंडोर उनका सबसे समृद्ध केंद्र रहा था. अब भी यह त्यौहार यहाँ पर मेले का रूप ले लेता है-


क.     भाद्रपद शुक्ल पंचमी को  ख. आश्विन शुक्ल पंचमी को ग. कार्तिक कृष्ण पंचमी को घ. माघ शुक्ल पंचमी को


3.    देवझूलनी एकादशी के दिन आराम कर रहे देवताओं को भी ताजा बरसात के पानी से नहलाने की रस्म पूरी की जाती है. राजस्थान के लगभग प्रत्येक गाँव व कस्बे में यह द्रश्य दिखाई देता है, परन्तु इस स्थान पर तो भारी मेला भरता है-


क.     बालोतरा  ख. चारभुजा  ग. शिवगंज  घ. फलोदी

4.    कौनसा मेला सवाई माधोपुर जिले से सम्बंधित नहीं है –

क.     कैलादेवी का मेला  ख. शिवाड का शिवरात्रि मेला   ग. चौथमाता का मेला   घ. गणेश मेला


5.    गर्मी की तपन में वैशाख पूर्णिमा को स्नान करने के लिए श्रद्धालु राजस्थान की कुछ नदियों एवं पवित्र सरोवरों के किनारे जुटते हैं, तो मेले भर जाते हैं. किस स्थान को छोड़कर ?

क.    झालरापाटन  ख. विराटनगर  ग. मातृकुंडिया  घ. बेणेश्वर

6.    भरतपुर जिले में सांस्कृतिक रूप से ब्रज क्षेत्र का प्रभाव जीवन के हर रंग में दिखाई देता है. यहाँ के मेलों के मामले में भी ऐसा ही है. जिले के मेलों में कौनसा मेला शामिल नहीं है ?

क.     गरुड़ मेला  ख. गंगा दशहरा मेला  ग. हनुमान मेला  घ. बसन्ती मेला

7.    परमार वंशी भोज से भी अधिक दानी और वीर कहे गए थे- सवाई भोज और उनके बगडावत भाई. आसींद (भीलवाड़ा) में सवाई भोज का मेला किस माह में भरता है ?

क.     श्रावण  ख. भाद्रपद  ग. आश्विन  घ. कार्तिक


8.    प्रथम जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का प्रसिद्द मंदिर उदयपुर जिले के धुलेव गाँव में है. वहां के मूल निवासी उन्हें केसरियाजी कहकर पुकारते हैं. ऋषभदेव को समर्पित मेला यहाँ किस तिथि को भरता है ?

क.     चैत्र कृष्ण अष्टमी  ख. चैत्र शुक्ल त्रयोदशी ग. पौष कृष्ण दशमी  घ. माघ शुक्ल द्वादशी


9.    ख्वाजा साहब का उर्स हिजरी सन् के किस महीने में आता है ?

क.    मुहर्रम  ख. रबी-उल-अव्वल  ग. रमजान  घ. रज्जब

10. राम रावण का मेला कहाँ भरता है ?


क.     कामां  ख. फुलेरा  ग. बड़ी सादड़ी  घ. कुशलगढ़ 

राजस्थान के आभूषण


राजस्थान के आभूषण





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राजस्थान के आभूषण

१.     कान पर धारण किया जाने वाला आभूषण है-

क.     तावित  ख. भूचारिया  ग. बंगडी घ. सरी

२.     भील और गरासिया महिलायें अपने गले में चांदी का हार पहनती हैं. इस हार को कहते हैं-

क.     मोहनमाला  ख. जंजीर  ग. हालरो  घ. अनंत

३.     जोड़, नेवरी, आंवला, हिरना मैन आदि आभूषण शरीर के किस अंग पर धारण करते हैं ?

क.     सिर  ख. कमर  ग. कान  घ. पैर

४.     तावित एवं दामिनी नामक आभूषणों को कहाँ पर बाँधा जाता है ?

क.     गले में ख. सिर पर  ग. पैरों में  घ. कान में 

५.     आरत, गजरा, तकया और बट्टा किस अंग के आभूषण हैं ?

क.     बाजू  ख. पैर   ग. सिर  घ. उंगली

६.     अंगूठी, बिन्टी, छल्ला और मूँदडी के साथ यह आभूषण भी उँगलियों की शोभा बढाता है-

क.     चांट  ख. दमणा ग. कांकणी   घ. चुनी

७.     मेबंद आभूषण का स्थान है-

क.     सिर   ख. उंगली   ग. नाक   घ. कमर 

८.     पुरुषों का आभूषण है-

क.     टिकड़ा  ख. बलेवड़ा  ग. मोहरण  घ. झालर

९.     गोखरू आभूषण को कहाँ पर पहना जाता है ?

क.     कान में  ख. कमर में  ग. कलाई पर  घ. सिर पर

१०.तुलसी एक आभूषण का नाम है, जिसे धारण किया जाता है-

क.     गले में  ख. सिर पर  ग. बाजू पर  घ. पैरों में