Tuesday, 19 August 2014

Rajasthan Lok Sabha Election 2014 a Glance

Rajasthan Lok Sabha Election 2014 a Glance 




Teju jani143




राजस्थान - 16 वें लोकसभा चुनाव - 2014 - एक नजर 

Rajasthan General Elections 2014- a Glance


कुल लोकसभा सीट - 25 सीट

1. प्रथम चरण -    17 अप्रैल 2014   -   20 सीटों पर चुनाव -  63.75 % मतदान
2.द्वितीय चरण -  24 अप्रैल 2014   -  5 सीटों पर चुनाव* -   59.86 % मतदान

*दुसरे चरण की 5 लोकसभा सीट
  1. अलवर (Alwar)
  2. भरतपुर (Bharatpur)
  3. दौसा (Dausa)
  4. करौली-धौलपुर (Karauli-Dholpur)
  5. टोंक-सवाई माधोपुर (Tonk-Sawai Madhopur)


कुल मतदान प्रतिशत (2011)  - 63.02 % मतदान

NOTE:यह पिछले लोकसभा चुनावों (2009) के मुकाबले लगभग 14.56 % अधिक है! 2009 में 48.46 % मतदान हुआ था

सबसे ज्यादा मतदान  - श्री गंगानगर (72.85 %)

सबसे कम मतदान  - करौली-धौलपुर (54.70 %)

सबसे बड़ी जीत - रामचरण बोहरा (जयपुर शहर) - 5,39,345 वोट के अंतर से

सबसे छोटी जीत - मनोज राजोरिया (करौली-धौलपुर) - 27,216 वोटों से

राजस्थान लोकसभा चुनाव-2014 में - पहली बार


  • झुंझनु लोकसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की हैयहाँ से संतोष अहलावत जीती हैजो की इस चुनाव में Rajasthan से जीतने वाली एकमात्र महिला सांसद भी है
  • 1984  के बाद पहली बार किसी एक पार्टी ने प्रदेश की सभी 25 लोक सभा सीटें जीती है ! तब कांग्रेस ने 25 सीटें जीती थी
  • 30 साल में पहली बार केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकारें है
  • मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मिशन-25 पूर्ण हुआ और कांग्रेस कोई भी सीट नही जीत पाई


Lok Sabha General Elections 2014 -Constituency Wise Result - Details

S.No.
Constituency Name
Leading / Elected
Party
Nearest Rival
Party
Margin
1
Jaipur (7)
Ramcharan Bohara
BJP
Dr. Mahesh Joshi
INC
539345
2
Jodhpur (16)
Gajendrasingh Shekhawat
BJP
Chandresh Kumari
INC
410051
3
Pali (15)
P.P. Chaudhary
BJP
Munni Devi Godara
INC
399039
4
Rajsamand (22)
Hari Om Singh Rathore
BJP
Gopal Singh Shekhavat
INC
395705
5
Jalore (18)
Devji Patel
BJP
Anjana Udai Lal
INC
381145
6
Jaipur Rural (6)
Rajyavardhan Singh Rathore
BJP
Dr. C.P. Joshi
INC
332896
7
Chittorgarh (21)
Chandra Prakash Joshi
BJP
Girija Vyas
INC
316857
8
Bikaner (SC) (2)
Arjun Ram Meghwal
BJP
Er. Shankar Pannu
INC
308079
9
Churu (3)
Rahul Kaswan
BJP
Abhinesh Maharshi
BSP
294739
10
Ganganagar (SC) (1)
Nihalchand
BJP
Master Bhanwarlal Meghwal
INC
291741
11
Alwar (8)
Chand Nath
BJP
Bhanwar Jitendra Singh
INC
283895
12
Jhalawar - Baran (25)
Dushyant Singh
BJP
Pramod Bhaya
INC
281546
13
Bhilwara (23)
Subhash Baheria
BJP
Ashok Chandna
INC
246264
14
Bharatpur (SC) (9)
Bahadur Singh Koli
BJP
Dr. Suresh Jatav
INC
245468
15
Sikar (5)
Sumedhanand Saraswati
BJP
Pratap Singh Jat
INC
239196
16
Udaipur (ST) (19)
Arjunlal Meena
BJP
Raghuvir Singh
INC
236762
17
Jhunjhunu (4)
Santosh Ahlawat
BJP
Raj Bala Ola
INC
233835
18
Kota (24)
Om Birla
BJP
Ijyaraj Singh
INC
200782
19
Ajmer (13)
Sanwar Lal Jat
BJP
Sachin Pilot
INC
171983
20
Tonk - Sawai Madhopur (12)
Sukhbir Singh Jaunapuria
BJP
Mohammed Azharuddin
INC
135506
21
Banswara (ST) (20)
Manshankar Ninama
BJP
Resham Malviya
INC
91916
22
Barmer (17)
Col Sona Ram
BJP
Jaswant Singh
IND
87461
23
Nagaur (14)
C R Choudhary
BJP
Dr Jyoti Mirdha
INC
75218
24
Dausa (ST) (11)
Harish Chandra Meena
BJP
Dr. Kirodi Lal
NPP
45404
25
Karauli - Dholpur (SC) (10)
Manoj Rajoria
BJP
Lakkhiram
INC
27216



May 2014 Current Affairs in Hindi

May 2014 Current Affairs in Hindi



Teju jani143


1. विदेशों से कालाधन वापस लेन के लिए गठित विशेष जाँच टीम (SIT) का अध्यक्ष बनाया गया गया है ?
Ans: रिटायर्ड जज जस्टिस एम.बी. शाह को 

2. भारत की पहली डीजल कार, जिसका उत्पादन हाल की में हिंदुस्तान मोटर्स ने बंद कर दिया है ?
Ans: Ambassador (एम्बेसेटर) - इस डीजल कार का उत्पादन वर्ष 1958 में प्रारंभ हुआ था 

3. मई 2014 में किस देश के संविधान को निलंबित कर वहां पर सेना ने सैन्य शासन लगा दिया है ?
Ans: थाईलेंड

4. 200 से अधिक स्कूली बालिकाओं के अपरहण के लिए चर्चित संगठन ' बोकोहरम' का संबंध किस देश से है 
Ans: नाइजीरिया 

5. भारतीय महिला बैडमिन्टन टीम ने किस प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँच कर इतिहास रचा है ?
Ans: उबेर कप (Uber Cup)

6. पदमश्री राजस्थानी महिला साहित्यकार व  राजस्थान रत्न पुरस्कार 2013 विजेता, जिनका 24 मई 2014 को निधन हो गया है ?
Ans: लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत 

7. मशहुर फैशन पोर्टल 'Myntra‎'(मिन्त्रा) को किस Online रिटेल कम्पनी ने खरीद लिया है ?
Ans: फ्लिपकार्ट (Flipkart.com) ने

8. देश का नया मुख्य सुचना आयुक्त किसे बनाया गया है ?
Ans: राजीव माथुर (23 मई 2014 )

9. वेल्थ एक्स की सूची में दुनिया के सबसे अमीर अभिनेता के रूप में किसे चुना गया है ?
Ans: मशहुर American  कामेडियन जेरी सीनफेल्ड (Jerry_Seinfeld) को (भारतीय अभिनेता शाहरुख़ खान को दूसरा स्थान मिला है)


10. 67 वें कान फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार किस फिल्म को मिला है ?
Ans: विंटर स्लीप - Turkish drama film (निर्देशेक- नूरी विल्ज़ जैलान )

11. किस देश ने पहली बार थामस कप बैडमिन्टन 2014 जीता है ?
Ans: जापान ने मलेशिया को हरा कर (जापान यह कप जीतने वाला विश्व का चौथा देश है) 

12. विश्व कप फुटबॉल (2014 FIFA World Cup) के शुरू होने से पहले तक सर्वधिक गोल का वर्ल्ड रिकॉर्ड किस के नाम है ?
Ans: रोनाल्डो (ब्राज़ील) के नाम - 15 गोल ) - दुसरे स्थान पर जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोज है(14 गोल)

13. रियलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी - सीजन -5' के विजेता कुआँ बने है ?
Ans: अभिनेता रजनीश दुग्गल 

14. मारुती सुजुकी इंडिया ने अपनी किस कॉम्पेक्ट कार का सी एन जी वेरिएंट हाल में लांच किया है ?
Ans: "सेलेरियो(Celerio )" कार का 

15. हाल की में किस राज्य की राज सरकार ने शादी के कार्ड पर वर-वधु की उम्र छापना अनिवार्य किया है ?
Ans: छत्तीसगढ़ सरकार ने 

16. अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित डॉक्युमेंट्री 'साइलेन्ट स्क्रीम्स' किस घटना पर आधारित है ?
Ans: 16 दिसम्बर गैंग रैप पर

17. हाल ही में यूरोप में भारतीय आम की किस प्रजाति को प्रतिबंधित किया गया है ?
Ans: अलफांसो आम को

18. गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कौन है ?
Ans: आनंदीबेन पटेल 

19. नितीश कुमार के इस्तीफे के बाद बिहार के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कौन है ?
Ans: जीतन राम मांझी 

20. होटल वेबसाइट ट्रिवोगो (trivago) के सर्वे में Rajasthan के किन शहरों के होटलों को देश के  सर्वश्रेष्ठ होटलों के श्रेणी में चुना गया है ?
Ans: उदयपुरं (प्रथम) व जयपुर (द्वितीय)

June 2014 Current Affairs in Hindi -1


June 2014 Current Affairs in Hindi -1




Teju jani143




1. केंद्रीय सांखियकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013-2014 की आर्थिक विकास दर (GDP) कितनी रही है ?
Ans: 4.7 फ़ीसदी 

2. मलेशियाई हॉकी के जनक' जिनका 28 मई 2014 को निधन हो गया ?
Ans: सुल्तान अजलान शाह (इन्होंने ही 1938 में 'सुल्तान अजलान शाह हॉकी कप' की शुरुआत की थी)

3. पूरी तरह भारत में निर्मित, जर्मन कार कम्पनी BMW का कौनसा मॉडल हाल ही में लांच हुआ है ? 
Ans: SUV-X Model


4. FIFA World Cup फूटबाल 2014 का मेज़बान देश कौन है ?
Ans: ब्राज़ील 

5. भारत का नया अटोर्नी जनरल (14th Attorney General) किसे बनाया गया है ?
Ans: मुकुल रोहतगी 

6. 13 वें पुरुष व महिला विश्व कप हॉकी -2014 का आयोजन कहाँ हो रहा है ?
Ans: हैग (नीदरलैंड) में

7. विश्व कप हॉकी 2014 का शुभंकर किसे चुना गया है ?
Ans: सारस पक्षी को 

8. भारत का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार किसे नियुक्त किया गया है ?
Ans: अजीत डावोल को 

9. देश का नवगठित 29 वां राज्य तेलंगाना किस दिन अस्तित्व में आया ?
Ans: 2 जून 2014 

10. तेलंगाना राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में किसे चुना गया है ?
Ans: के. चंद्रशेखर राव को 

11. शेष आंध्र के राज्यपाल कौन है ?
Ans: ईएसएल नरसिम्हन* (ये तेलंगाना और शेष आंध्र दोनों राज्यों के संयुक्त राज्यपाल रहेंगे )

12. भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे, जिनका 3 जून 2014 को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है 16 वी लोकसभा में किस पद पर थे ?
Ans: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री 
लोकसभा-अध्यक्ष, Lok Sabha Speaker, Sumitra-Mahajan


13. 16 वी लोकसभा में लोकसभा-अध्यक्ष (Speaker of Lok Sabha)किसे चुना गया है ?
Ans: सुमित्रा महाजन 

14. युक्रेन के नए राष्ट्रपति, जो Chocolate King के नाम से मशहूर है ?
Ans: पेट्रो पोरोशेंको - 25 जून को पद ग्रहण करेंगे 

15. आईपीएल (IPL) के किस सीजन में सर्वाधिक व कितनी टीमे खेली है ?
Ans: आईपीएल सीजन -4 (2011) - 10 टीमें 

16. IPL Fairplay Award - 2014 किस टीम को दिया गया है ?
Ans: चेन्नई सुपर किंग्स

17. Rajasthan के जोधपुर में भारत व फ़्रांस की सेनाओं के मध्य चल रहे युदयाभ्यास को क्या नाम दिया गया है ?
Ans: गरुड़-5

18. 16 वीं लोकसभा के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजस्थान से कितने मंत्री चुने गए है ?
Ans: मात्र एक मंत्री - निहालचंद मेघवाल (रसायन व उर्वरक मंत्री) 

19. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया प्रमुख सचिव किसे बनाया गया है ?
Ans: नृपेन्द्र मिश्रा को 

20. Apple को पीछे छोड़ कर हाल ही में कौनसी कंपनी विश्व का नंबर 1 ब्रांड बन गया है ?
Ans: Google

Monday, 18 August 2014

राजस्थान की होली

राजस्थान की होली



Teju jani143




राजस्थान के विभिन्न इलाकों में होली मनाने का अलग और खास अंदाज है। होली के मौके पर जानिए राज्य की होली से जुडी अनूठी परंपराओं के बारे में।


लट्ठमार होली


भरतपुर के ब्रजांचल में फाल्गुन का आगमन कोई साधारण बात नहीं है। यहां की वनिताएं इसके आते ही गा उठतीं हैं "सखी री भागन ते फागुन आयौ, मैं तो खेलूंगी श्याम संग फाग।" ब्रज के लोकगायन के लिए कवि ने कहा है "कंकड" हूं जहां कांकुरी है रहे, संकर हूं कि लगै जहं तारी, झूठे लगे जहं वेद-पुराण और मीठे लगे रसिया रसगारी।" यह रसिया ब्रज की धरोहर है, जिनमें नायक ब्रजराज कृष्ण और नायिका ब्रजेश्वरी राधा को लेकर ह्वदय के अंतरतम की भावना और उसके तार छेडे जाते हैं। गांव की चौपालों पर ब्रजवासी ग्रामीण अपने लोकवाद्य "बम" के साथ अपने ढप, ढोल और झांझ बजाते हुए रसिया गाते हैं। डीग क्षेत्र ब्रज का ह्वदय है, यहां की ग्रामीण महिलाएं अपने सिर पर भारी भरकम चरकुला रखकर उस पर जलते दीपकों के साथ नृत्य करती हैं। संपूर्ण ब्रज में इस तरह आनंद की अमृत वर्षा होती है। यह परंपरा ब्रज की धरोहर है। रियासती जमाने में भरतपुर के ब्रज अनुरागी राजाओं ने यहां सर्वसाधारण जनता के सामने स्वांगों की परंपरा को संरक्षण दिया। दामोदर जैसे गायकों के रसिक आज भी भरतपुर के लोगों की जबान पर हैं जिनमें शृंगार के साथ ही अध्यात्म की धारा बहती थी। बरसाने, नंदगांव, कामां, डीग आदि स्थानों पर ब्रज की लट्ठमार होली की परंपरा आज भी यहां की संस्कृति को पुष्ट करती है। चैत्र कृष्ण द्वितीया को दाऊजी का हुरंगा भी प्रसिद्ध है। 

गेर नृत्य 


पाली के ग्रामीण इलाकों में फाल्गुन लगते ही गेर नृत्य शुरू हो जाता है। वहीं यह नृत्य डंका पंचमी से भी शुरू होता है। फाल्गुन के पूरे महीने रात में चौहटों पर ढोल और चंग की थाप पर गेर नृत्य किया जाता है। मारवाड गोडवाड इलाके में डांडी गैर नृत्य बहुत होता है और यह नृत्य इस इलाके में खासा लोकप्रिय है। यहां फाग गीत के साथ गालियां भी गाई जाती हैं। 

मुर्दे की सवारी 


मेवाड अंचल के भीलवाडा जिले के बरून्दनी गांव में होली के सात दिन बाद शीतला सप्तमी पर खेली जाने वाली लट्ठमार होली का अपना एक अलग ही मजा रहा है। माहेश्वरी समाज के स्त्री-पुरूष यह होली खेलते हैं। डोलचियों में पानी भरकर पुरूष महिलाओं पर डालते हैं और महिलाएं लाठियों से उन्हें पीटती हैं। पिछले पांच साल से यह परंपरा कम ही देखने को मिलती है। यहां होली के बाद बादशाह की सवारी निकाली जाती है, वहीं शीतला सप्तमी पर चित्तौडगढ वालों की हवेली से मुर्दे की सवारी निकाली जाती है। इसमें लकडी की सीढी बनाई जाती है और जिंदा व्यक्ति को उस पर लिटाकर अर्थी पूरे बाजार में निकालते हैं। इस दौरान युवा इस अर्थी को लेकर पूरे शहर में घूमते हैं। लोग इन्हें रंगों से नहला देते हैं। 

चंग-गींदड 


फाल्गुन शुरू होते ही शेखावाटी में होली का हुडदंग शुरू हो जाता है। हर मोहल्ले में चंग पार्टी होती है। होली के एक पखवाडे पहले गींदड शुरू हो जाता है। जगह- जगह भांग घुटती है। हालांकि अब ये नजारे कम ही देखने को मिलते हैं। जबकि, शेखावाटी में ढूंढ का चलन अभी है। परिवार में बच्चे के जन्म होने पर उसका ननिहाल पक्ष और बुआ कपडे और खिलौने होली पर बच्चे को देते हैं। 

तणी काटना 


बीकानेर क्षेत्र में भी होली मनाने का खास अंदाज है। यहां रम्मतें, अनूठे फागणियां, फुटबाल मैच, तणी काटने और पानी डोलची का खेल होली के दिन के खास आयोजन हैं। रम्मतों में खुले मंच पर विभिन्न कथानकों और किरदारों का अभिनय होता है। रम्मतों में शामिल होता है हास्य, अभिनय, होली ठिठोली, मौजमस्ती और साथ ही एक संदेश। 

कोडे वाली होली 


श्रीगंगानगर में भी होली मनाने का खास अंदाज है। यहां देवर भाभी के बीच कोडे वाली होली काफी चर्चित रही है। होली पर देवर- भाभी को रंगने का प्रयास करते हैं और भाभी-देवर की पीठ पर कोडे मारती है। इस मौके पर देवर- भाभी से नेग भी मांगते हैं।

बीकानेर की डोलचीमार होली : पानी की मार में होली की मस्ती

बीकानेर की डोलचीमार होली : पानी की मार में होली की मस्ती 



Teju jani143



होली भारत का एक प्रमुख त्यौहार है। बसंत ऋतु के आगमन पर बसंत का स्वागत करने के लिए रंगों का त्यौहार होली पूरे देश   में उल्लास व उमंग के साथ मनाया जाता है। होली के अवसर पर विभिन्न शहरों  में कईं तरह के आयोजन किए जाते हैं। इसी तरह राजस्थान के बीकानेर शहर   में होली का त्यौहार परम्पराओं के निर्वहन के साथ मनाया जाता है। परम्पराओं के शहर   बीकानेर में लोग होली को पारम्परिक अंदाज में  मनाते हैं। इन्हीं परम्पराओं के अनुसरण में बीकानेर के पुष्करणा ब्राह्मण समाज के हर्ष   व व्यास जाति के लोगों के बीच डोलचीमार होली का आयोजन किया जाता है। वैसे तो बीकानेर में होली से आठ दिन पहले होलाकष्टक के साथ ही होली के आयोजनों की शुरूआत हो जाती है लेकिन होली से चार दिन पहले डोलचीमार होली का यह खेल काफी प्रसिद्ध है। इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और होली की इस मस्ती का आनंद उठाते हैं। आईए जानते हैं कि क्यो और कैसे मनाया जाता है यह आयोजन -
हम इस आयोजन के बारे में जानने से पहले इस आयोजन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर एक नजर डालेंगे। एक समय था जब बीकानेर में यह कहावत प्रचलित थी कि गढ़ में बीका और शहर  में कीका। मतलब यह कि बीकानेर के गढ़ में राजा बीकाजी का कहा चलता था और शहर में पुष्करणा समाज की जाति कीकाणी व्यासों का कहा माना जाता था। पुष्करणा  समाज के जातिय प्रतिनिधि के तौर पर कीकाणी व्यास पंचायत को पूरे पुष्करणा समाज का नेतृत्व करने का दायित्व था और उन्हे उस समय धड़पति कहा जाता था। कीकाणी व्यास पंचायत के लोग ही पुष्करणा  समाज के अन्य जातियों के शादी   विवाह सहित मृत्युभोज आयोजन की स्वीकृति देते थे। इन आयोजनों की स्वीकृति लेने के लिए जिस घर में काम पड़ता था उसे कीकाणी व्यास पंचायत के लोगों के पास जाना पड़ता था और कीकाणी व्यासों के चौक में बैठकर यह पंचायती के लोग सामाजिक स्वीकृति देते थे तभी वह आयोजन संभव हो पाता था। ऐसी सामाजिक स्वीकृति ‘दूआ’ कहा जाता था और कीकाणी व्यासों के चौक में आज भी वह ‘दुए की चौकी’ विद्यमान है जिस पर बैठकर समाज के पंच संबंधित फैसला करते थे। इसी क्रम में पुष्करणा  समाज के आचार्य जाति के लोगों के यहॉं किसी की मौत हो गई और उन्हें कीकाणी व्यासों के पास दूआ लेने के लिए जाना पड़ा। जिस समय आचार्य जाति के लोग दूआ लेने गए उस समय कीकाणी व्यास पंचायती के लोग चौक में उपस्थित नहीं थे और इस कारण आचार्यों को काफी इंतजार करना पड़ा। इस इंतजार से ये लोग परेशान  हो गए लेकिन करते भी क्या सामाजिक स्वीकृति लेनी जरूरी थी और बिना इसके कोई आयोजन संभव नहीं था। बाद में लम्बे इंतजार के बाद कीकाणी व्यास पंचायत के लोग आए तो आचार्यों को दूआ दे दिया। लेकिन अपने लम्बे इंतजार करवाने के अपमान के कारण आचार्यौं ने कीकाणी व्यासों के सामने आपत्ति दर्ज करवाई जिसे कीकाणी व्यास पंचायत ने गौर नहीं किया। इस पर आचार्य जाति के लोगों ने गुस्से में यह कह दिया कि अगर अगली बार हम आपके यहॉं दूआ लेने आए तो हम गुलामों के जाए जन्मे होंगे और ऐसा कहकर वे चले आए। कुछ समय बाद इन्हीं आचार्य जाति के लोगों के फिर काम पड़ा और उन्हें फिर से उसी कीकाणी व्यास पंचायत के पास जाना पड़ा। जब ये लोग कीकाणी व्यासों के चौक में पहुंचे तो कीकाणी व्यासों ने अपनी छत पर जाकर थाली बजाई और कहा कि आज हमारे गुलामों के बेटा हुआ है और हमारे चौक में आया है। आचार्य जाति के लोग अपने इस घोर अपमान को सहन नहीं कर सके और बिना दूआ लिए ही वापस रवाना हो गए। रास्ते मे हर्षों   के चौक में इन आचार्य जाति के लोगों का ननिहाल था। जब इन हर्ष  जाति के लोगों को यह बात पता चली तो इन्होंने अपने भांजों की इज्जत रखने के लिए कहा कि आप चिंता न करें आपके यहॉं होने वाले भोज का आयोजन हम करवा देंगे और समाज के लोगों को बुला भी लेगे।
चूंकि हर्ष  जाति के लोग साधन सम्पन्न व धनिक थे । अतः समाज के एक वर्ग उनके साथ भी था। जैसा की वर्तमान में भी देखने को मिलता है कि कुछ लोग पेसे वालों के साथ होते हैं तो कुछ लोग पावरफुल व्यक्तियों के साथ, वैसा ही कुछ उस समय भी था कि कुछ लोग हर्ष  जाति के साथ भी थे लेकिन ज्यादातर लोगों का साथ व्यास जाति के साथ ही था। खैर जैसा भी हो हर्ष  जाति के लोगों ने अपने नातिनों की भोज की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली और वर्तमान में बीकानेर में जहॉं हर्षों   का चौक है उसमें स्थित गेवर गली में बड़े बड़े माटों में लापसी बनाने के लिए गाल बनाकर रख ली और भोज के आयोजन की सारी तैयारियॉं कर ली। जब कीकाणी व्यास पंचायती को यह पता लगा तो उन्हें यह सहन नहीं हुआ और उन्होंने रात के समय छिप कर इन माटों में पड़ी गाल को गिरा दिया और माटे फोड़ दिए। इस बात को लेकर हर्ष  व व्यास जाति के लोगों के बीच जातीय संघर्ष  हुआ और आपस में लड़ाई हुई और यह विवाद काफी गहराया। उस समय पूरे पुष्करणा  समाज में दो गुट बन गए जिसमें कुछ लोग हर्ष जाति के साथ हो गए और कुछ व्यास जाति के साथ। लम्बे संघर्ष  के बाद इन जातियों में समझौता हुआ और हर्ष  व व्यास जाति के लोगों के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित  हुए।
इसी जातीय संघर्ष   की याद में उसी गेवर गली के आगे आज भी होली के अवसर पर हर्ष  व व्यास जाति के लोग डोलची होली खेलते हैं। इसमें आचार्य जाति के लोग हर्ष जाति के साथ होते हैं और बाकी लोग व्यास जाति के साथ।
इस खेल में चमड़े की बनी डोलची होती है जिसमें पानी भरा जाता है और यह पानी हर्ष  व व्यास जाति के लोग एक दूसरे की पीठ पर पूरी ताकत के साथ फेंकते हैं। पानी का वार इतना तेज होता है कि पीठ पर निशान   बन जाते हैं। इस खेल को हर्षों  के चौक में हर्षों  की ढ़लान पर खेला जाता है। पानी डालने के लिए बड़े बड़े कड़ाव यहॉं रखे जाते हैं। खेल के प्रारम्भ होने से पहले इस स्थल पर अखाड़े की पूजा होती है और खेल में हिस्सा लेने वाले लोगों के तिलक लगाया जाता है। यहॉं यह बता देना जरूरी है कि व्यास जाति के लोगो द्वारा खेल से एक दिन पहले गेवर का आयोजन किया जाता है जो कीकाणी व्यासों के चौक से रवाना होती है और तेलीवाड़ा में स्थित भक्तों की गली तक जाकर आती है। यहॉं ये लोग अपने खेल के लिए पैसा इकट्ठा करते हैं और होली के गीत गाते हुए मस्ती व उल्लास के साथ जाते हैं। अगले दिन इसमें खेल की शुरूआत व्यास जाति के लोगों के आने के साथ होती है और यहॉं पानी की व्यवस्था हर्ष  जाति के लोगों द्वारा की जाती है। करीब तीन घण्टे तक इस खेल में पानी का वार चलता रहता है और अंत में हर्ष  जाति के लोग गुलाल उछालकर खेल के समापन की घोषणा  करते हैं। समापन के साथ ही गेवर गली के आगे खड़े होकर ये लोग होली के गीत गाते हैं और अपनी अपनी विजय की घोषणा   कर प्रेमपूर्वक होली मनाते हैं। परम्पराओं के निर्वहन में आज भी बीकानेर के लोग पीछे नहीं है और यह आयोजन सैकड़ों सालों बाद भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। बाद में शाम   के समय इसी दिन हर्ष  जाति के लोग हर्शोल्लाव   तलाब स्थित अपने कुलदेव अमरेश्वर   महादेव की पूजा करते हैं और गेवर के रूप में गीत गाते हुए अपने घरों की ओर आते हैं। आज भी इन जातियों के लोग अपनी परम्पराओं से गहरे तक जुड़े हैं। इस दिन इस चौक से जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति भीग कर ही जाता है। आप यहॉं से सूखे नहीं निकल सकते। अगर आपको भी होली की इस मस्ती में भीगना है तो इस बार सत्रह मार्च को चले आईए बीकानेर आपका स्वागत है:-

राजस्थान के बाड़मेर में ग्रामीण पर्यटन

राजस्थान के बाड़मेर में ग्रामीण पर्यटन






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            पर्यटन के लिहाज से लगभग अछूते राजस्थान के मरूस्थलीय जिले बाड़मेर में ग्रामीण पर्यटन की व्यापक संभावनाएं दिखाई देने लगी हैं। यहां का हस्तशिल्पसंस्कृतिपरम्परागत खान-पान और रेत के टीलों पर लोकसंगीत के स्वर ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को सम्बल प्रदान कर सकते हैं। पानी की कमी यातायात के साधनों का अभाव एवं कठोर जीवन शैली के चलते तीन चार दशक पहले भले ही इस क्षेत्र की ओर कोई झांकता तक नहीं थालेकिन हाल के वर्षों में बिजलीकोयलापेट्रोलियम संसाधनों की उपलब्धता तथा सौर एवं पवन ऊर्जा ने यहां का कायाकल्प कर दिया है। पानी का संकट भी पहले जैसा अब नहीं है। बालू रेत के सुनहरे टीलों पर जैसलमेर एवं बीकानेर के साथ-साथ बाड़मेर में भी आनन्द लिया जा सकता है।
       गर्मियों के मौसम में यह स्थान पर्यटन के लिये भले ही आह्लादकारी न होलेकिन सर्दियों की छुट्टियां एवं नववर्ष के स्वागत के लिहाज से यह जगह अतिउत्तम कही जा सकती है। दिसम्बर में पड़ोसी जिले जैसलमेर में पर्यटकों की भरमार रहती है। विदेशी एवं देशी पर्यटक नया साल मनाने यहां आते हैं। इसके चलते होटलों में ठहरना महंगा हो जाता है। रेस्टोरेन्ट में ढंग का खाना भी नहीं मिलता तथा पर्याप्त सुविधाएं भी मुहैया नहीं हो पाती। ऐसे में बाड़मेर में राष्ट्रीय राजमार्ग 15 के समीप हाथीतला में रेत के टीलों का पर्यटक आनन्द उठा सकते हैं। जरूरत है थोड़ा सा इसे प्रचारित करने की।
लोकसंगीत एवं नृत्य

      देश विदेश में थार के संगीत को प्रसिद्धी दिलाने वाले यहां के लंगा मंगणियार अपनी कला का जादू बिखेर गृह जिले को पर्यटन के मानचित्र पर बखूबी स्थापित करने में सक्षम हैं। कमायचारावण हत्थाखडतालमोरचंग जैसे अनेक वाद्ययंत्रों में महारथ प्राप्त कलाकार सुनहरी रेत पर अपने संगीत की स्वरलहरियां बिखेरते हैंतो अनायास हर किसी के मुंह से वाह-वाह निकल पड़ता है। ऐसा ही आकर्षण भवाईगेरतेरहताली नृत्य अपने आप में समेटे हुये हैं,जो दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर कर देते हैं।

देसी खान-पान

      ब्रेकफास्ट लंच डिनर के लिये जैविक उत्पादों से तैयार खाद्य पदार्थों की यहां कोई कमी नहीं है। यहां के पानी में पकने वाली मूंग की दालकेर-सांगरीदेसी ग्वारफलीकुंमटिया एवं काचरे को मिलाकर तैयार पचकूटे की सब्जी,देसी बाजरे के खिचड़े का लजीज स्वाद अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा। यदि पर्यटकों की संख्या बढ़ेगीतो प्रायः लुप्त हो रही देसी बाजरी का बीज भी बच जायेगा। उल्लेखनीय है कि संकर बाजरे के मुकाबले देसी बाजरी वजन में हल्की होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादन कम होने के कारण किसान खुद के खाने के लिये ही इसका उत्पादन करते हैंजबकि बाजार में बेचने के लिये संकर बाजरे की पैदावार करते हैं। सही मायने में स्वर्णिम रंग वाली देसी बाजरी ही स्वादिष्ट होती है।

हस्तशिल्प

      बरसों पूर्व यहां की महिलाएं खाली समय गुजारने के लिये कशीदाकारी और कपड़े पर बंधेज का काम करती थीं। वह आज शहरी एवं ग्रामीण महिलाओं का रोजगार बन गया है। फैशनेबल कांच कशीदाकुशन कवरपेच वर्क युक्त बेडशीट की सम्पन्न लोगों में भारी मांग है। जिले में इस काम में महिला स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रही हैं। जिले के चैहटनधोरीमना एवं सीमावर्ती छोटे-छोटे गांवों में महिलाएं कपड़े पर कांच लगाकर उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन करती हैं। यहां का नेहरू युवा केन्द्र भी कलाकारों एवं शिल्पकारों को आगे लाने में पूरा सहयोग कर रहा है। यहां के कारीगरों की हाथ की छपाई अजरखमलीरघाबूघोणसार आदि आज सम्पूर्ण देश में बाडमेर प्रिंट के नाम से प्रसिद्ध है। जबकि ऊंट एवं भेड़ों की ऊन से निर्मित दरीजिरोईकालीनशॉलपट्टू का कोई मुकाबला नहीं। पर्यटकों की आवाजाही से हस्तशिप को बढावा मिल रहा है।

पुरातत्व

      इतिहास में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिये बाड़मेर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर 12वीं शताब्दी में निर्मित जूना व किराडू के मंदिर हैं। हालांकि यह मंदिर जीर्ण अवस्था में हैलेकिन खम्भोंदीवारों एवं मेहराबों पर उकेरी मूर्तियां बुलंदी की गाथा स्वयं बयां करती हैं। जबकि बाड़मेर से करीब 90 किलोमीटर दूर देवका में पीले एवं लाल पत्थरों से निर्मित सूर्य मंदिर शानदार नक्काशी और वास्तु कला का अद्भुत नमूना हैजिसके गर्भगृह में उगते सूर्य की पहली किरण पड़ती है। यह खगोलीय ज्ञान का सुंदर उदाहरण है।
      आवागमन के लिये दिल्ली से जोधपुर होते हुये एवं गुजरात की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 15 से बाड़मेर पहुंचा जा सकता है। शहर में एक दर्जन अच्छे होटल भी हैं। इनमें दो तीन में तीनसितारा होटलों जैसी सुविधाओं भी हैं। कुल मिलाकर सरकार की ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को सफलता पूर्वक क्रियान्वित कर यहां के ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधारा जा सकता है।

राजस्थान: भौगोलिक उपनाम / Rajasthan: Geographical Nicknames

राजस्थान: भौगोलिक उपनाम / Rajasthan: Geographical Nicknames






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अभ्रक की मंडी - भीलवाड़ा

आदिवासियों का शहर - बांसवाड़ा

अन्न का कटोरा - श्री गंगानगर

औजारों का शहर - नागौर

आइसलैंड आॅफ ग्लोरी/रंग श्री द्वीप - जयपुर

उद्यानों/बगीचों का शहर - केाटा

ऊन का घर - बीकानेर

ख्वाजा की नगरी - अजमेर

गलियों का शहर - जैसलमेर

गुलाबी नगरी - जयपुर

घंटियों का शहर - झालरापाटन

छोटी काशी/दूसरी काशी - बूंदी

जलमहलों की नगरी - डीग

झीलों की नगरी - उदयपुर

वस्त्र नगरी - भीलवाड़ा

थार का घड़ा - चंदन नलकूप, जैसलमेर

थार का कल्पवृक्ष - खेजड़ी

देवताओं की उपनगरी - पुष्कर

नवाबों का शहर - टोंक

पूर्व का पेरिस/भारत का पेरिस - जयपुर

पूर्व का वेनिस - उदयपुर

पहाड़ों की नगरी - डूंगरपुर

भक्ति/शक्ति व साधना की नगरी - मेड़ता सिटी

मूर्तियों का खजाना - तिमनगढ, करौली

मरूस्थल की शोभा/मरू शोभा - रोहिड़ा

राजस्थान की मरू नगरी - बीकानेर

राजस्थान का हदृय/दिल - अजमेर

राजस्थान का गौरव - चितौड़गढ

राजस्थान का प्रवेश द्वार (गेटवे आॅफ राज.) - भरतपुर

राजस्थान का सिंह द्वार - अलवर

राजस्थान का अन्न भंडार - गंगानगर

राजस्थान की स्वर्ण नगरी (गोल्ड सिटी) - जैसलमेर

राजस्थान की शैक्षिक राजधानी - अजमेर

राजस्थान का कश्मीर - उदयपुर

राजस्थान का काउंटर मैगनेट - अलवर

राजस्थान की मरूगंगा - इंदिरा गांधी नहर

पश्चिम राजस्थान की गंगा - लूनी नदी

राजस्थान की मोनालिसा - बणी-ठणी

रेगिस्तान का सागवान - रोहिड़ा

राजस्थान का खजुराहो - किराडू

राजस्थान का मिनी खजुराहो - भंडदेवरा

हाड़ौती का खजुराहो - भंडदेवरा

मेवाड़ का खजुराहो - जगत

राजस्थान का कानपुर - कोटा

राजस्थान का नागपुर - झालावाड़

राजस्थान का राजकोट - लूणकरणसर

राजस्थान का स्काॅटलेंड - अलवर

राजस्थान का नंदनकानन - सिलीसेढ झील, अलवर

राजस्थान की धातुनगरी - नागौर

राजस्थान का आधुनिक विकास तीर्थ - सूरतगढ

राजस्थान का पंजाब - सांचैर

राजस्थान की अणु नगरी - रावतभाटा

राजस्थान का हरिद्वार - मातृकंुडिया, चितौड़गढ

राजस्थान का अंडमान - जैसलमेर

रेगिस्तान/मरूस्थल का गुलाब - जैसलमेर

राजपूताना की कूंजी - अजमेर

राजस्थान का नाका/मुहाना - अजमेर

राजस्थान का मैनचेस्टर - भीलवाड़ा

राजस्थान का नवीन मैनचेस्टर - भिवाड़ी

➲ राजस्थान का जिब्राल्टर - तारागढ, अजमेर

राजस्थान का ताजमहल - जसवंतथड़ा, जोधपुर

राजस्थान का भुवनेश्वर - ओसियां

राजस्थान की साल्ट सिटी - सांभर

राजस्थान की न्यायिक राजधानी - जोधपुर

राजस्थान का चेरापूंजी - झालावाड़

राजस्थान का ऐलोरा - केालवी, झालावाड़

राजस्थान का जलियावाला बाग - मानगढ, बांसवाड़ा

राजस्थान का शिमला - मा. आबू

राजस्थान का पूर्वीद्वार - धौलपुर

रत्न नगरी - जयपुर

वराह नगरी - बारां

वर्तमान नालंदा - कोटा

लव-कुश की नगरी - सीताबाड़ी, बारां

शिक्षा का तीर्थ स्थल/शैक्षिक नगरी - कोटा

समस्त तीर्थस्थलों का भांजा - मचकुंड, धौलपुर

सूर्य नगरी (सन सिटी आॅफ राजस्थान) - जोधपुर

सुनहरा त्रिकोण - दिल्ली-आगरा-जयपुर

मरू त्रिकोण - जोधपुर-जैसलमेर-बीकानेर

सौ द्विपों का शहर - बांसवाड़ा

हेरिटेज सिटी - झालरापाटन

हरिण्यकश्यप की राजधानी - हिंडौनसिटी

हवेलियों का शहर - जैसलमेर

पीले पत्थरों का शहर - जैसलमेर

सैलानी नगरी - जैसलमेर

भारत का मक्का - अजमेर

प्राचीन राजस्थान का टाटानगर - रेढ , टोंक

स्वतंत्रता प्रेमियों का तीर्थ स्थल - हल्दीघाटी

भारतीय मूर्तिकला का विश्वकोष - विजय स्तंभ

म्यूजियम सिटी - जैसलमेर

मरूस्थल का प्रवेश द्वार - जोधपुर

बावड़ियों का शहर (सिटी आॅफ स्टेप वेल्स)- बूंदी

पूर्वी राजस्थान का कश्मीर - अलवर

पत्थरों का शहर - जोधपुर

ब्ल्यू सिटी (नीली नगरी) - जोधपुर

मारवाड़ का लघु मा. आबू - पीपलूद, बाड़मेर

भारतीय बाघों का घर - रणथंभौर

ग्रेनाइट सिटी - जालौर

मारवाड़ का सागवान - रोहिड़ा

पहाड़ों की रानी - डूंगरपुर

पानी,पत्थर व पहाड़ों की पुरी - उदयपुर

भक्ति व शक्ति की नगरी - चितौड़गढ

महाराजा रंतिदेव की नगरी - केशोरायपाटन

काॅटन सिटी - सूरतगढ

राजस्थान की संतरा नगरी - झालावाड़

राजस्थान की वस्त्र नगरी - भीलवाड़ा

रेड डायमंड (लाल हीरा) - धौलपुर

मारवाड़ का अमृत सरोवर - जवाई बांध

फाउंटेन व मांउटेन का शहर - उदयपुर

मेवाड़ का हरिद्वार - मातृकुंडिया