Monday, 18 August 2014

राजस्थान समसामयिकी - 17/02/2012 - अलवर जिले के मूंडियावास में तांबे, सोने और चांदी के भंडार

राजस्थान - अलवर जिले के मूंडियावास में तांबे, सोने और चांदी के भंडार 




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जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण) के अधिकारियों ने अलवर जिले के मूंडियावास में तांबे, सोने और चांदी के भंडार के मिलने को विश्व स्तरीय खोज बताया है।

उन्होंने कहा है कि देश में भी पिछले 15 साल के दौरान बेशकीमती खनिजों की ऐसी कोई बड़ी खोज नहीं हुई है। यह खोज राजस्थान के लिए इतनी महत्वपूर्ण है कि इससे 15 साल में अलवर और आसपास के जिलों का चेहरा बदल जाएगा। इन क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछेगा। रोजगार का नेटवर्क शुरू होगा। इलाके में नई खेतड़ी या जावर जैसी तस्वीर उभरेगी, जो यहां के लोंगों में समृद्धि लाएगी।

जीएसआई की राजस्थान इकाई के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. एसके वधावन ने बताया कि अलवर के मूंडियावास में जीएसआई की इस विश्व स्तरीय खोज से राजस्थान और एनसीआर क्षेत्र में महत्वपूर्ण असर पड़ने वाला है। तांबे-सोने और चांदी का खनन शुरू होने के बाद इस इलाके में बड़े उद्योगों की स्थापना होने की पूरी संभावना है। जीएसआई को इस इलाके में मिले नमूनों से पता चला है कि यहां तांबा बहुतायत में है।

इसके बाद सोने और चांदी की मात्रा है। सोना और चांदी यहां बाई प्रोडक्ट के तौर पर मौजूद हैं। वधावन के अनुसार अब जीएसआई के पास ऐसी तकनीक है, जो इन तीनों धातुओं को अलग-अलग कर सकती है।

उन्होंने बताया कि यहां जीएसआई पिछले 3 साल से लगातार खोज कर रही थी। अब काम लगभग पूरा हो गया है। अब पर्यावरण के लिए बेसलाइन बनाई जाएगी, ताकि उद्योगों के विकास के समय पर्यावरणीय नुकसान नहीं हों। इसके तहत क्षेत्र के भूजल स्तर, वृक्षों और वनस्पति की स्थिति, प्रदूषण और कृषि आदि के हालात की मॉनिटरिंग की जाएगी।

इन भू-वैज्ञानिकों ने किया काम

जीएसआई के पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डी.के. राय के निर्देशन में एस. मुखोपाध्याय, आर.के. शर्मा, वी. शर्मा, डी. भूपति, इसराइल खान सहित कई वरिष्ठ भू वैज्ञानिकों ने यह अहम खोज की। यहां सोने, चांदी और तांबे की खोज 2006 में शुरू हुई थी। पिछले 3 साल में काफी ज्यादा काम हुआ।

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